
सोचूँगा फिर कभी कि क्यों तुम्हें चाहा, अभी तो बस मुझे इज़हार करने दे,
हाँ जानता हूँ, होगा इनकार, या टूटेगा दिल, झूठा ही सही, फिर एक बार, मुझे प्यार करने दे।
तेरी चाहत को पागल हुआ जमाना, सब चाहते तुझे अपना बनाना,
तेरे आशिक़ों की कतार में सबसे आगे मुझे अपना नाम करने दे, झूठा ही सही, फिर एक बार, मुझे प्यार करने दे।
भूल जाते हैं वो
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