![सोचता हूं, के कौन हूं मैं..'s image](/images/post_og.png)
सोचता हूं, के कौन हूं मैं,
लहरों के भीतर एक सहमा समंदर,
या तूफानों को छूती, लेहरों का बवंडर,
उकसाती आंधियों में बहता सा इक झोंका हूं,
या चीखते शोर में पसरा, मौन हूं मैं,
सोचता हूं, के कौन हूं मैं...
बुलबुलों सा जीवन मेरा,
कब शुरू कब अंत मेरा,
सांसों सा आता जाता जिसम में,&n
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