दिवाली का दिया हूं मैं,
सारी रात जलकर जिया हूं मैं,
अंधेरा हटाया हर ओर से,
और खुद धुएं में घुल गया हूं मैं ...
रौशनी बांटी अपनों को,
खुद जलकर ही खिला हूं मैं,<
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दिवाली का दिया हूं मैं,
सारी रात जलकर जिया हूं मैं,
अंधेरा हटाया हर ओर से,
और खुद धुएं में घुल गया हूं मैं ...
रौशनी बांटी अपनों को,
खुद जलकर ही खिला हूं मैं,<