
नव वर्ष, चहुँ ओर हर्ष |
कुछ संकल्प, कुछ इरादे अंतर में भरता हूँ |
खुद को बेहतर करने के वादे मैं पक्के करता हूँ |
अहंकार को देखुँगा अपने,
काम, क्रोध पर संयम रखूँगा |
प्रतिक्रिया न हो मन में मेरे,
साक्षी मैं कितना बनता हूँ |
खुद को बेहतर करने के वादे मैं पक्के करता हूँ |
भूल जाऊँ अपनी
Read More! Earn More! Learn More!