![ऐसी किस्मत कहाँ अपनी's image](/images/post_og.png)
तेरी यादों में खोया हूँ, एक पल भी नहीं खाली
जमाने की मैं सोचूँ क्या, मुझे फुर्सत कहाँ अपनी?
मिट्टी से जुड़ा हूँ मैं, जमीं पर रहने दो मुझको
मैं उड़ के आसमां छू लूँ, ऐसी हसरत कहाँ अपनी?
तू ख्वाबो की है शहजादी, ख्वाबो में&nbs
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