
सुना है मैंने लोगों से कभी मरती नहीं है रूह
किसी तलवार से, औज़ार से कटती नहीं है रूह
जलाने से किसी भी जिस्म को जलती नहीं है रूह
एक ऐसी शय है कि जिसको कभी हम छू नहीं सकते
एक ऐसा दृश्य जो हम लोगों की आंखों से ओझल है
अगर ऐसा है तो इसपर मेरा अपना तज़ुर्बा है
मुझे लगता है जितनी रूह हैं दुनिया में, श्रापित हैं
वज़ूद अपना बचाने के लिये ये जिस्म चुनतीं हैं
और अप
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