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40 poems in 40 days challenge


फ़कत एक कहानी तो नहीं मैं,

कि चलती जाऊं,

जिंदगी हूं,

मेरा भी दिल करता है,

थोड़ा तो जी लूं,

बेरुख हूं,

बेज़ार हूँ,

बेअक्ल हूं,

पर हूं तो जिंदगी ही,

खुद से,

अपनी मौत कैसे लिख दूं,

हाफ़िज़े पे रखीं हैं,

सबकी अदाएं,

दामन दाग दाग है,

पर छोड़ी नहीं वफ़ाएं,

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