
40 poems in 40 days challenge
मेरे यादों की,
एक खुली अलमारी,
जिसमें तह हो बदन ढकने वाले,
मुट्ठी भर कपड़े,
जौ के थोड़े बीज,
एक खारे मिट्टी का घड़ा,
और,
Read More! Earn More! Learn More!
40 poems in 40 days challenge
मेरे यादों की,
एक खुली अलमारी,
जिसमें तह हो बदन ढकने वाले,
मुट्ठी भर कपड़े,
जौ के थोड़े बीज,
एक खारे मिट्टी का घड़ा,
और,