अकेलापन's image

अपना दर्द मैं छुपाऊँ कहाँ, सब दिखता है यहाँ,

चेहरे पर अब रौनक कहीं खिल नहीं रही,


साँस लेने मैं जाऊँ कहाँ, दम घुटता है यहाँ,

इस शहर में ताज़ी हवा कहीं मिल नही रही,


प्यास मैं बुझाऊँ कहाँ, पानी बेचता इन्सान है यहाँ,

बारिश की मीठी बूंदें कहीं पड़ नही रही,


त्यौहार मैं म

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