
अच्छी बुरी हर याद को आज,
चलिए तहस-नहस करते हैं,
थोड़ी सी दूरी हर रिश्ते से करके,
नज़रअंदाज़ हर बहस करते हैं,
ना आएं अब यादों में किसी की,
और ना ही किसी को याद करते हैं,
ढूंढ के ख़ुद
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अच्छी बुरी हर याद को आज,
चलिए तहस-नहस करते हैं,
थोड़ी सी दूरी हर रिश्ते से करके,
नज़रअंदाज़ हर बहस करते हैं,
ना आएं अब यादों में किसी की,
और ना ही किसी को याद करते हैं,
ढूंढ के ख़ुद