![जो भी हो।'s image](/images/post_og.png)
ज़िंदगी का ज़िंदगी पे,
असर चाहे जो भी हो,
अंत में इंसान अकेला ही है,
फिर हमसफर चाहे जो भी हो,
ख़ुद ही पहुंचता हर मुकाम पे,
फिर रहगुज़र चाहे जो भी हो,
हर मंज़िल हासिल है हौंसलो
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ज़िंदगी का ज़िंदगी पे,
असर चाहे जो भी हो,
अंत में इंसान अकेला ही है,
फिर हमसफर चाहे जो भी हो,
ख़ुद ही पहुंचता हर मुकाम पे,
फिर रहगुज़र चाहे जो भी हो,
हर मंज़िल हासिल है हौंसलो