![अर्पण।'s image](/images/post_og.png)
क्या कहूं कि आपकी मुस्कान एक,
संपूर्ण सुंदरता का दर्पण है,
प्रेम रस से सजी हर कविता मेरी,
बस आपको ही अर्पण है,
स्वार्थ से मुक्त हर शब्द मेरा,
आपको सादर समर्पण है।
ना जन्मों के साथ की बातें,
ना बड़े-बड़े कोई वाद
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क्या कहूं कि आपकी मुस्कान एक,
संपूर्ण सुंदरता का दर्पण है,
प्रेम रस से सजी हर कविता मेरी,
बस आपको ही अर्पण है,
स्वार्थ से मुक्त हर शब्द मेरा,
आपको सादर समर्पण है।
ना जन्मों के साथ की बातें,
ना बड़े-बड़े कोई वाद