डूबते को जैसे तिनके का
सहारा काफी होता है
हर निराश चेहरे का
उम्मीद हीं साथी होता है
अंधेरे गुफा में जब कोई राही
अपनी राह बनाता है
आँखों से कुछ दिख ना पाए
उम्मीद पर बढ़ता जाता है
जब कोई अपना संगी साथी
अपनों से बिछड़ जाए
और दूर तक उसके पग के
निशान ना हमको मिल पाए
तब भी ये उम्मीद हीं है
जो हमको बांधे रखती है
मिल जाएगा हमदम अपना
हरदम कहती रहती है
जब सफलता द्वार खड़ी हो
पर हमको ना मिल पाए
और विफलता आगे बढ़कर
हमको गले लगा जाए
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