तुम ख़िलाफ़ नहीं होते's image
134K

तुम ख़िलाफ़ नहीं होते

तुम ख़िलाफ़ नहीं होते


सब चुपचाप है बस्ती में लेकिन मैं नहीं,

मैं तो अब भी बोलूंगा सारें राज खोलूंगा।


सब के सब बिक चुके हैं अपने रियासत में।

लग चुके हैं दाग धब्बें सबके ही विरासत में।


ये जो क्या कहते हैं,जो अपने को नेक बनते हैं

Read More! Earn More! Learn More!