बादल इतने भी नही बरसे की मन भीग जाए। अब के बरस's image
519K

बादल इतने भी नही बरसे की मन भीग जाए। अब के बरस

बादल बरस भी लिए

और बूंदे भिगो भी न पाई प्यासे अंतर्मन को

ये प्यास और ये प्यासापन

अब उस सावन के इंतजार में है।

ना जाने कितने सावन यूं ही गुज़ार दिए।

ना भिगोया तन को 

ना मन

Read More! Earn More! Learn More!