
मै हवा को छू ना चाहता हूँ
ज़िंदगी को ढूढ़ना चाहता हूँ
जो उलझा है उसे
सुलझाना चाहता हूँ
बड़ा परेशान हुँ
फिर भी मुस्कुराना चाहता हूँ
जेब खाली है फिर भी
खुशिया लुटाना चाहता हूँ
उड़ना चाहता हूँ पंख नहीं तो क्या हुआ
कोशिश करना चाहता हुँ
राह अंजानी है फिर भी
हमसफर बनाना चाहता हूँ
आँखे देखे ख़्वाब हज़ारो.&nbs
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