
अपनी रिक्तताओं से भरा हूं मैं
अपनी अपूर्णताओं से पूर्ण हूं।
मै अपने रंगहीन जीवन से
गीतों के इंद्रधनुषी रंग पाता हूं।
मैं अपनी विकलताओं से शांति पाता हूं
मैं अपने मौन से न जाने कितने स्वर चुराता हूं।
मैं अपने रुके हुए पगों से
कल्पनाओं में ही कितनी यात्राएं कर आता हूं ।
मैं बंद हाथों में
भविष्य के कितने स्पर्
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