सीता (४)'s image

इस सूचना ने

मेरे मन में

इस विश्वास को

बल दिया है कि

राम अवश्य आएंगे

मुझे ढूंढते हुए‌।


मुझे पता है कि

जिसने उस धनुष को,

जिसे कोई

हिला भी नहीं पाता था, 

सहजता से उठाकर

खींच प्रत्यंचा तोड़ा था,

वह कार्य जो

किसी साधारण मानव के लिए

संभव ही नहीं था,

जिसे कोई साधारण मानव

कर ही नहीं सकता था,

ऐसा असंभव कार्य करने वाला

कोई साधारण मानव

तो हो ही नहीं सकता।


राम असाधारण हैं,

वह प्रदर्शित नहीं करते

पर जानती हूं मैं,

इतने दिनों उनके

साथ रहकर वनवास में

कि भय उन्हें

कभी लगता नहीं,

असंभव शब्द

उनके शब्दकोश में है ही नहीं।


समय लग सकता है,

उन्हें आने में,

पर मुझे है विश्वास,

अटूट-अमिट विश्वास कि

राम आएंगे,

अवश्य आएंगे।


वो सागर को

पार कर आएंगे,

सारी बाधाओं और अवरोधों को

लांघ कर आएंगे,

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