
कोचिंगों के महान स्वामियों ने
अब भी ओढ़े हुए हैं
महानता के भारी भरकम मुखौटे ,
वो लोग जिनके कारण
कितनी आकांक्षाएं ,
कितने स्वप्न मृत हो गए
उनके अनधिकृत बेसमेंटों में
अकस्मात पानी भरने से ,
उनकी भाव-भंगिमाओं से झलकता
नाटकीय शोक
नितान्त कृत्रिम है।
उनके माथे पर जो चिंता की रेखाएं हैं ,
वो तो बस इस बात को लेकर हैं कि
उनकी सपने बेचने की द
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