न पूछ's image


बहुत दिन हुए छोड़े हुए जिन ठिकानों को

रहने दे छोड़,अब मुझसे उन छूटे हुए ठिकानों की न पूछ।


उसके झूठे वादों से कई बार फरेब खाया है मैंने

रहने दे छोड़, मुझसे उसके वादों और झूठे बहानों की न पूछ।


मुझे बहुत से लोग मिले जिनके हृदय थे काले

रहने दे छोड़,मुझसे उनके काले मन और उजले परिधानों की ना पूछ।


मेरा भी हक़ था साकी के हाथ के चंद पैमानों पर जो उसने दिए नहीं

रहने दे छोड़,

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