किसी और के साये तले
क्यों दबी रहे तेरी परछाई,
तेरे वजूद को क्यों हो ,
किसी और के सहारे की जरूरत ,
क्यों किसी और के नाम से
हो तेरी शख्सियत की पहचान,
क्यों कोई और लिखे तेरी जिंदगी का उनवान।
क्यों तेरे रास्ते कोई और चुने,
क्यों तेरी आंखों के लिए ख
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