
वे प्रसन्न हैं कि
तुम्हारा कच्चा घड़ा फूट गया
उनके छोटे-छोटे कंकड़ों की चोट से
तुम्हारे भीतर कुछ बड़ा टूट गया।
तुम्हारे ढंके हुए घाव उभर गए
तुम्हारी सोई हुई व्यथाएं जाग गयीं
तुम्हारा कहना रुक गया
तुम्हारे पांव चलते-चलते रुक गए
तुम तने थे पर यूं ही झुक गए
तु
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