
सखी री इस बार तो
मैं जी भर के खेलूंगी
बस श्याम संग ही होरी
श्याम जो पास नहीं आएंगे तो
मैं ही उनके पास चली जाऊंगी
पकड़कर कान्हा की कलाई
मैं ही कान्हा के अंग-अंग
अपने सब रंग लगा दूंगी
Read More! Earn More! Learn More!
सखी री इस बार तो
मैं जी भर के खेलूंगी
बस श्याम संग ही होरी
श्याम जो पास नहीं आएंगे तो
मैं ही उनके पास चली जाऊंगी
पकड़कर कान्हा की कलाई
मैं ही कान्हा के अंग-अंग
अपने सब रंग लगा दूंगी