
दूर तक फैली हुई है हरीतिमा,
रोपे हुए धान के खेतों की,
जहां तक जाती है दृष्टि
दिखाई देते हैं
वहीं जल भरे, धान के खेत हरे-हरे
कहीं-कहीं दिखते हैं नारियल के पेड़
और पोखर छोटे-छोटे।
दृष्टि ऊपर नील नभ,
उसमें कुछ ठहरे, कुछ तैरते श्वेत बादल,
चलती है मंद बयार
स्वच्छ,निर्मल,
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