वो बातें जो अनकही थी, कही हमने
और जो बातें अनसुनी थी, सुनी तुमने
कौन किसी के दर्द का हम-दर्द है यहाँ
कौन किसकी सुनता है, मेरी सुनी तुमने
दर्द, बेचैनी, घुटन सब जाते रहे
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वो बातें जो अनकही थी, कही हमने
और जो बातें अनसुनी थी, सुनी तुमने
कौन किसी के दर्द का हम-दर्द है यहाँ
कौन किसकी सुनता है, मेरी सुनी तुमने
दर्द, बेचैनी, घुटन सब जाते रहे