जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब।जाना फिर भी ना कभी, मन का सरल सुभाव।।'s image
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जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब।जाना फिर भी ना कभी, मन का सरल सुभाव।।

जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब।

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