इस जहाँ में मेरी माई जेसी माई नहीं
माई जैसी किसी ने भी नेमत पाई नहीं
माँ के पैरों में ही बीते मेरा भी ये जीवन
सादा जीवन है मेरा घर में भी ऊँचाई नहीं
रात भर मेरे ही पैरों को दबाती रही वो
दर्द सब लेती हैं माँ की कोई पैमाई नहीं
मैंने भी देखा है माँ रूप में भगवान को
दौरे गर्दिश में भी मेरी माँ मुरझाई नहीं
ऐसे ही अब मैं चला जात
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