![कविता - स्कूल's image](/images/post_og.png)
कुम्हलाई आँखे
ताक रही थी,
रास्ता स्कूल का
नाप रही थी।
रंग-बिरंगे चेहरे पे
उदासी बाहर से
झांक रही थी।
फूल खिलने लगे
लालिमा बिखरने लगी
भोर हो गया है,
तिम
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कुम्हलाई आँखे
ताक रही थी,
रास्ता स्कूल का
नाप रही थी।
रंग-बिरंगे चेहरे पे
उदासी बाहर से
झांक रही थी।
फूल खिलने लगे
लालिमा बिखरने लगी
भोर हो गया है,
तिम