गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार
बन्द कीजिये मानवता पर अत्याचार
जाति-धर्म के झगड़े से हैं सब लाचार
ईमान का भी हो रहा खूब व्यापार।
गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार
लूट-पाट,दंगो की दुकानें चल रहीं
बहू-बेटियों की अस्मिता लुट रहीं
मंदिर-मस्ज़िद भी फल-फूल रहीं
इन सबसे भरा हुआ है अख़बार।
गाँधी तेरी लाठी करती ये पुकार
मानवता से मान
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