अपने अश्क़ो को छिपाना सीखिए : ग़ज़ल's image
546K

अपने अश्क़ो को छिपाना सीखिए : ग़ज़ल


अपने अश्क़ो को छिपाना सीखिए

गर्दिशों से दिल लगाना सीखिए।।

है बहुत दिल को दुखाने के लिए

शहर भर को आज़माना सीखिए।।

ज़िन्दगी उलझन में ही उलझी रही

हाथ सबसे ही मिलाना सीखिए।।

हो गया कमज़र्फ दिल सबका यहाँ

दर्द ए दिल का भी दबाना सीखिए।।

हाथ में क्या काँच ही सबके रहे

दिल को ही पत्थर बनाना सीखिए।।

बदले बदले से नज़र

Read More! Earn More! Learn More!