
आँख तेरी हो या मेरी
गरीब हो या कि अमीर
आँख तो आँख है,
करती है मार्मिक बाते
प्यार भी होता है खूब।
अंतर्द्वंद हो या कि
अंतर्मन की बाते
वो भलीभांति
समझती है सब।
भूख हो
या प्यास का अहसास,
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आँख तेरी हो या मेरी
गरीब हो या कि अमीर
आँख तो आँख है,
करती है मार्मिक बाते
प्यार भी होता है खूब।
अंतर्द्वंद हो या कि
अंतर्मन की बाते
वो भलीभांति
समझती है सब।
भूख हो
या प्यास का अहसास,