
मुझे तुम्हारी दोस्ती से मोहब्बत है।
मैंने जितना जिंदगी को तराशा है।
जितना मैने ख्वाइशों को जिया है।
उतना मुझे तुम्हारी दोस्ती से मोहब्बत है।
जिन गालियों से बचपन से साथ रहा मैं
मुझे उन गालियों में तुम्हारी दोस्ती से मोहब्बत है।
बरसो से हम न मिले फिर भी कोई बोझ नहीं
मैं जब भी अकेले बैठू
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