परिभाषाएँ प्रेम की ढूंढ कर मैं थक चुका हूँ
सोचता हूँ प्रेम अगर पवन होता तो कैसा होता ?
पवन, जो बहती मुझसे ओर तेरी या
तुम से पास हमारे
ना संदेशों की आवश्यकता होती
ना उन प्रती
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परिभाषाएँ प्रेम की ढूंढ कर मैं थक चुका हूँ
सोचता हूँ प्रेम अगर पवन होता तो कैसा होता ?
पवन, जो बहती मुझसे ओर तेरी या
तुम से पास हमारे
ना संदेशों की आवश्यकता होती
ना उन प्रती