![बीच के दर्रे's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40akash-gupta/None/IMG_20220418_121708_20-04-2022_03-43-35-AM.jpg)
इन मकानों के बीच जितने दर्रे है
उतना ही दर्रा मैं छोड़ना चाहता हूँ
अपने रिश्तों में
ताकि न लगे हममें से किसी को भी
कि खड़े है
एक दूसरे की बदौलत हम
ना बरसात-आँधियों में हम एक दूजे का सहारा ढूंढे
बस हम पास रहे और कभी न आँखे मूंदे
मेरी ऊष्मा मेरी नाराजगी का का एहसास तो कराए
पर उसे झुलसाए न
मेरे धार्मिक ख्याल उसके दरवाजे पर
दस्तक दे वो उन्हें सुने
पर अंदर जाते ही
वो छोड़ जाए
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