
देख के मुझको अपने सामने शरमा जाती थी वो
घूंघट में अपने मुखड़े को छुपा लेती थी वो ।
प्यार बहुत करती थी मुझसे
लेकिन अपनी दिल की धड़कन मुझसे बयां न कर पाती थी वो
पर्दे के पीछे छुपकर मुझको देखा करती थी वो ।
जब मेरी नजरें उसकी नजरों से मिल जाती
तब शरमा के पर्दे के पीछे छुप जाती थ
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