
नारी को जो दे अथाह वेदना
अपने पौरुष पर इठलाते हैं
वो कुछ दंभी पुरुष कृतघ्न
जननी को लज्जित कर जाते हैं ।
धिक्कार रहा है
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नारी को जो दे अथाह वेदना
अपने पौरुष पर इठलाते हैं
वो कुछ दंभी पुरुष कृतघ्न
जननी को लज्जित कर जाते हैं ।
धिक्कार रहा है