
चाहता हुं खुले रहे
किताबों के कुछ पन्ने
और मै लौट कर आऊं
उन्हे पढ़ने के लिए
पहचानी पर अधूरी रहे
कुछ बचकानी हसरते
ताकि जिंदादिली बनी रहे
उन्हे याद कर के
चाहता हुं खाली रहे
एक
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चाहता हुं खुले रहे
किताबों के कुछ पन्ने
और मै लौट कर आऊं
उन्हे पढ़ने के लिए
पहचानी पर अधूरी रहे
कुछ बचकानी हसरते
ताकि जिंदादिली बनी रहे
उन्हे याद कर के
चाहता हुं खाली रहे
एक