
कभी फुर्सत निकाल ,दोस्तों में बैठ कर देख ,
पांव बुजुर्गों के पास कभी बैठ कर देख,।
बुद्ध क्या हैं तुझे तब समझ आयेगा
किसी दरख़्त के साए में बैठ कर देख।।
मोहब्ब
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कभी फुर्सत निकाल ,दोस्तों में बैठ कर देख ,
पांव बुजुर्गों के पास कभी बैठ कर देख,।
बुद्ध क्या हैं तुझे तब समझ आयेगा
किसी दरख़्त के साए में बैठ कर देख।।
मोहब्ब