मातृ दिवस पर स्वरचित कविता's image
341K

मातृ दिवस पर स्वरचित कविता

मातृ दिवस के शुभ अवसर पर प्रथम स्वरचित कविता  अगर कविता में कोई कमी या गलती हो तो मुझे (अभिषेक) को माफ करे धन्यवाद ।
❤️मैं यह कविता अपनी श्री माता जी समर्पित करता हूं।❤️

सर्वप्रथम मां नमन तुम्हे  इस धरा पर  मुझको लाई हो,
अर्ज करू उस प्रभु से  जीवन तेरा सुखदाई हो,
मां के चरणों में मुझको सारी खुशियां मिल जाती है,
भूखा यदि मैं सोऊं तो जागकर मुझे खिलाती है,
रूठ भी जाऊं अगर कभी तो मां ही मुझे मानती है । ........(1)

सह लेती खुद दुखड़े सारे कष्टों से हमे बचाती है,
यदि दिखता कभी बेचैन हूं मैं तब खाना तक नहीं खाती है,
ईश्वर का ही रूप है मां हमे जीवन जीना सिखलाती है,
पापा जी की डांटो से मां ही हमे बचाती

Read More! Earn More! Learn More!