
बहुत धूप है इस सफर में पानी दूर से चमकता है
जैसे संभलता हूं हवा मुझे कहीं और ले चलता है
परिंदा किसी डाल पर कहां ज्यादा देर ठहरता है
आसमा को देखकर उसका सारा दिन गुजरता है
जैसे संभलता हूं हवा मुझे कहीं और ले चलता है
परिंदा किसी डाल पर कहां ज्यादा देर ठहरता है
आसमा को देखकर उसका सारा दिन गुजरता है
Read More! Earn More! Learn More!