
ये कौन सी रात है
जो मुझको जगा रही है,
बहती सर्द हवाओं में
उसकी याद आ रही है।
वो जानता नहीं है
पहचानता नहीं है
मनाऊं भी कितना
वो मानता नहीं है
ये अंधेरी रात भी
उसके नगमे गा रही है।
ये भीन
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ये कौन सी रात है
जो मुझको जगा रही है,
बहती सर्द हवाओं में
उसकी याद आ रही है।
वो जानता नहीं है
पहचानता नहीं है
मनाऊं भी कितना
वो मानता नहीं है
ये अंधेरी रात भी
उसके नगमे गा रही है।
ये भीन