मोहब्बत में इतने दर्द सहकर
कैसे जीते हैं लोग इतने ग़मों को पीकर
क्यों इतनी कठिन राह है मोहब्बत की
क्या दिल नहीं होता है सबके भीतर
मोहब्बत तो ऐसा घर है
जो टूट जाये तो बनता नहीं है उम्र भर
न जाने क्यों तोड़ देते है लोग
छोटी-छोटी सी बात पर
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