![हर रंग यहाँ पर गुलाल हुए !'s image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/post_pics/%40abhay-dixit/None/1647532375892_17-03-2022_21-23-00-PM.png)
होली के इस अवसर पर, मन में ऐसी उमंग उतर आई है
हर नर में श्री कृष्ण बसे हैं, नारी राधारानी बनके आई है
तन - मन सब कोमल हुए, हर रंग यहाँ पर गुलाल हुए
अपनी गोपी के संग खेलन होली, हर छोरे यहाँ नन्दलाल हुए
होली के इस अवसर पर, आसमानी यहाँ सब रंग हुए
अपनी गोरी के हथ चुम्बन हेतु, हर छोरे यहाँ पर गुलाल हुए
ऐसे रंग उड़े सारे जहाँ में जैसे ब्रज उतरा हो चहुँ ओर
गोरे ,श्याम रंग का पता नहीं, गुलाल ही गुलाल नज़र आये चहुं ओर
गुलाल ने ऐसा रंगा है तन -मन, धुले हुए मन के सारे मलाल हुए
कन्याकुमारी से कश्मीर केसर क्यारी तक सबके रंग गुलाल हुए
तन - मन सब कोमल हुए, हर रंग यहाँ पर गुलाल हुए
अपनी गोपी के संग खेलन होली, हर छोरे यहाँ नन्दलाल हुए
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