बहुत दिनों के बाद!
फिर आई हैं खुशियाँ नए वर्ष के साथ,
शोर है ख़ुशी है चारों तरफ हँसी है
एक नए मिलन के साथ
ऐसा लग रहा है मानो
कोई अपना लौट आया है
बहुत दिनों के बाद
कालगति का न्यासंकल्प है
नई सूरज किरण के साथ
आज नया संकल्प लेंगे
खुद से वादे के साथ
देखा है हमने वक्त का क्रूर प्रहार
मानो जैसे सूरज पर भी था अंधकार
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