![जब कभी उसको निहारते रहना - अब्दुल रहमान अंसारी ( रहमान काका )'s image](/images/post_og.png)
जब कभी उसको निहारते रहना |
उसकी ख़ूबसूरती का सदका उतारते रहना |
उसकी आँखों पर कोई शेर कहना,
उसको होंठों को निखारते रहना |
जब कभी उसकी याद में खो जाना,
तब तुम मयखाने की राह तलाशते रहना |
हमें अपनी गलती का अफशोश है,
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जब कभी उसको निहारते रहना |
उसकी ख़ूबसूरती का सदका उतारते रहना |
उसकी आँखों पर कोई शेर कहना,
उसको होंठों को निखारते रहना |
जब कभी उसकी याद में खो जाना,
तब तुम मयखाने की राह तलाशते रहना |
हमें अपनी गलती का अफशोश है,