दर्दभरी दास्ताँ हो या हो
सुहाना सफर हसी ख़ुशी
नहीं पता कल क्या होगा
यूँही कट जायेगी जिंदगी
सांसो की रवानगी हैं बस
जीने की अभिलाषा निरंतर
सुख में कटे या दुःख में बटे
यूँही कट जायेगी जिंदगी
जिअं तो हर हल में होगा
इधर - उधर की बातें न कर
बस चलता जा भले को साथ
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