क्या जरुरत तुझे हात हिलाने की
वर्तमान ,भविष्य की चिंता करने की
बस पड़े रहो यूँही किसी कोने में
जब तक बुलावा नहीं आता
खाना मिलेगा पीना मिलेगा
साहब हैं महेरबान सबकुछ चलेगा
भोंको कहे तो भोंकना काँटों कहे तो
कांटना कभी सोचना क्या होगा अंजाम
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