
तुम हो सो वो है वगरना है खुदा कुछ भी नहीं,
जो तुम्हे हम छोड़ दें उसने रचा कुछ भी नहीं।
दोस्त मेरे पूछते थे, 'क्या हुआ? कैसे हुआ?'
चाहता तो था कि कह दूं पर कहा कुछ भी नहीं।
अब वो मेरी दोस्त है मैं खुश बहुत हूँ देखकर,
हाँ वही मुझ से कहा जिस को गया कुछ भी नहीं।
'कौन है वो खुशनसीब' उसने मुझे जब ये क
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