
तेरे ख़यालों से नहीं जुदा हूँ अभी
मैं मरा नहीं ! ज़िन्दा हूँ अभी
था इक दौर तेरे क़फ़स में बसता था!
बिन तेरे पैरहन शिकस्ता हूँ अभी ।
जाना जाता था तेरे दीवाने के लक़ब से !
तलाश रहा नया ओहदा हूँ अभी ।
इश्क़ की गली में ठहरे थे हम दोनों !
तुझसे हुआ जुदा तो कारिंदा हूँ अभी ।
तेरे चमकते हुए लबों की कसम !
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