
तू और तेरा प्यार भी मृगतृष्णा सी है,
करीब आते ही नज़रों से ओझल हो जाती है।
दिल हिज़्र के दर्द से बोझिल हो जाती है।।
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तू और तेरा प्यार भी मृगतृष्णा सी है,
करीब आते ही नज़रों से ओझल हो जाती है।
दिल हिज़्र के दर्द से बोझिल हो जाती है।।