
तू और तेरा प्यार भी मृगतृष्णा सी है।
दुरी घटते ही नज़रों से ओझल हो जाती है।
दिल हिज़्र के दर्द से बोझिल हो ज
Read More! Earn More! Learn More!
तू और तेरा प्यार भी मृगतृष्णा सी है।
दुरी घटते ही नज़रों से ओझल हो जाती है।
दिल हिज़्र के दर्द से बोझिल हो ज